
टिकारी प्रखण्ड अन्तर्गत ग्राम फेनागी में मां भगवती का जागरण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन श्रीमती ललिता देवी उप मुखिया ग्राम पंचायत नोनी के द्वारा किया गया। मंच की संचालन श्री कामता प्रसाद यादव एवं अविनाश यादव के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम में कई माननीयों , एवं गणमान्य लोगों ने भाग लिये। गायक कलाकार जो देवी मां के भजनों से सभी को भाव विभोर किये एवं देवी भगवती की महिमा के गुणगान किया गायिका दिव्या राज औरंगाबाद गायक गोलू जी औरंगाबाद गायक लखन रसीला अरवल एवं गायक शैलेश बाबा ने समां को बांधा।
स्वागत समारोह में दीपक कुमार ने सभी कलाकारों को भगवान विष्णु का चरण भेंट किया,
सभी कलाकारों एवं माननीय को भगवान विष्णु का अंग वस्त्र देकर सम्मानित करने वालों में बलिराम यादव ,प्रखंड प्रमुख डॉ अशोक यादव ,जिला पार्षद प्रतिनिधि संतोष कुमार, छोटन टेंट हाउस के मलिक छोटन केवट, अशोक केवट, नरेश यादव, शंभू पासवान, रामानंद प्रसाद,पवन कुमार ,संजीत कुमार एवं अविनाश यादव प्रखंड युवा राजद अध्यक्ष टिकारी के द्वारा गर्म जोशी के साथ स्वागत किया गया*दीपक कुमार सबसे पहले अपने मातृभूमि जन्मभूमि कर्मभूमि को नमन किया।*
पैतृक गांव ग्राम फेनागी में आयोजित भव्य मां भगवती जागरण समारोह में भाग लेते हुए दीपक कुमार ने अपने गार्जियन और ग्रामवासियों की उपस्थिति में 2025 विधानसभा चुनाव के लिए टेकारी 231 विधानसभा क्षेत्र से भावी प्रत्याशी के रूप में नाम की घोषणा की।
समारोह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु, ग्रामवासी और स्थानीय गणमान्यजन उपस्थित रहे। मां भगवती की आराधना और जागरण के शुभ अवसर पर जनसमर्थन और आशीर्वाद प्राप्त कर प्रत्याशी ने क्षेत्र की सेवा करने के अपने संकल्प को दोहराया।गार्जियन एवं परिवार के वरिष्ठ जनों द्वारा समर्थित इस घोषणा को ग्रामवासियों ने उत्साह और तालियों की गूंज के साथ स्वागत किया। गांव वाले ने बताया कि दीपक को अपने बेटा से ज्यादा मानता हु इसे ज्यादा क्या बोलु ,दीपक को जितना तारिफ करुंगा उतना कम पड़ेगा ,इस मौके पर *दीपक कुमार ने कहा, “आप सभी का साथ मेरा विश्वास हम सब मिलकर रचेंगे टिकारी विधानसभा का नया इतिहास* ,क्षेत्र के सर्वांगीण विकास, युवाओं के सशक्तिकरण और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए मैं पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करता हुं। यह मेरी नहीं, आप सभी की लड़ाई है — सम्मान, अधिकार और विकास की।” *रास्ता जैसी हो मजील वहीं है।*
समारोह का आयोजन एक आध्यात्मिक वातावरण में शुरू हुआ।