बिहार पुलिस की डायल 112 सेवा इमरजेंसी कॉल हैंडलिंग के मामले में देश में दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जुलाई 2022 में डायल 112 की शुरुआत की थी महज 2 साल में इसके जरिए पुलिस ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है।
बिहार पुलिस की ओर से राष्ट्रीय आंकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया गया है की इसके जरिए जरूरतमंद लोगों को कॉल करने के 20 मिनट के भीतर इमरजेंसी सेवा मिल रही है अब तक 20 लाख से ज्यादा लोग इस सेवा का उपयोग कर चुके हैं।
बिहार पुलिस के एक पदाधिकारी ने बताया की डायल 112 सेवा के तहत राजभर में 1883 गाड़ियां तैनात की गई है बिहार देशभर में पहला राज्य है जहां महिला पुलिस द्वारा 100 प्रतिशत काल हैंडल किए जा रहे हैं। साथ ही यह सेवा राज्य के हर कोने तक पहुंच गई है बता दे की डायल 112 की शुरुआती चरण में 400 गाड़ियां पुलिस को उपलब्ध कराई गई थी इस साल फरवरी में दूसरे चरण के तहत 884 चार पहिया और 550 दो पहिया वाहन और जोड़े गए हैं इनके अलावा 1586 एम्बुलेंस और 805 फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को भी इस सेवा में जोड़ा गया है
उन्होंने बताया की रोजाना औसतन 5000 लोग बिहार में डायल 112 सेवा को लाभ उठा रहे हैं इस साल का लक्ष्य 15 लाख है जो अगले साल बढ़कर 15 से 20 लाख हो जाएगा अब तक इमरजेंसी सेवा के जरिए पुलिस ने 10.60लाख लोगों ने 112 पर कॉल करके झगड़ा, विवाद जैसे मामले की शिकायत की जिन में पुलिस तुरंत मौके पर भी पहुंची इसके अलावा 1.80 लाख शिकायतें घरेलू हिंसा, महिलाओं एवं बच्चों से जुड़े अपराधों से जुड़ी है वही 81,000 हजार कॉल सड़क हादसों को लेकर आए हैं डायल 112 पर 71964 कॉल आग लगे और 71501 कॉल शराबबंदी से जुड़ी शिकायतों के लिए भी आए
एडीजी निर्मल कुमार आजाद ने कहा डायल 112 को सिंगल पुलिस हेल्पलाइन और इमरजेंसी सेवा के रूप में विकसित किया जा रहा है अब तक इसकी प्रतिक्रिया सकारात्मक रही है। इमरजेंसी सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए पुलिस द्वारा कॉल करने वाले से फीडबैक भी लिया जा रहा है, ताकि इसमें और सुधार किया जा सके